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Q. बुखार के रोगी की देखभाल का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए।
Describe the care of fever patient in detail.
उत्तर- बुखार (Fever) -
बुखार या ज्वर शरीर के तापमान का 99°F (37.2°C) या इससे अधिक होने की अवस्था को - कहते हैं।
बुखार से पीड़ित मरीज की देखभाल करते समय कुछ मुख्य बातों पर ध्यान देना जरूरी एवं आवश्यक होता है
- बुखार के रोगी की देखभाल (Care of Fever Patient) -
बुखार के रोगी की देखभाल निम्न प्रकार करनी चाहिए-
1. रोगी का निरीक्षण (Observation of Patient) -
• बुखार से पीड़ित मरीज का नर्स को नियमित रूप से निरीक्षण एवं परीक्षण करना चाहिए।
मरीज के जैविक चिन्हों की जाँच करके नोट करना चाहिए।
• यदि मरीज में बुखार के दौरान कोई असामान्यता दिखाई दे तो तुरन्त डॉक्टर को सूचित करना चाहिए।
2. शरीर के तापमान का नियमन (Regulation of body temperature) –
• बुखार में नर्सिंग देखभाल का मुख्य उद्देश्य शरीर के बड़े हुए तापमान को कम करना होता है। शरीर के बड़े हुए तापमान को कम करने के लिये कुछ विधियों को इस्तेमाल करना चाहिए-
.कमरे का तापमान उचित रखना कमरे में उचित संचार होना
कमरे में पंखे की ठंडी हवा होना।
ठंडे पानी की पट्टियाँ रखना
ठंडे पानी से स्नान करवाना (cold bath)
ठंडे पेय पदार्थ पिलाना
शीतल स्पंजिंग (cold sponging)
3. पोषण सम्बन्धी आवश्यकताएँ (Meeting Nutritional needs) –
• बुखार में हल्का व पाचनयुक्त भोजन प्रदान करना चाहिए।
• मरीज को अधिकतम तरल पदार्थ देना चाहिए।
• बुखार में उच्च कैलोरी वाला भोजन देना चाहिए।
• बुखार में मरीज को पसीना आने के कारण शरीर में पानी की कमी हो जाती है। अतः मरीज को ज्यादा से ज्यादा पानी या glucose देना चाहिए।
फलों का रस (fruits juices) देना चाहिए।
• मरीज को उसकी पसंद का भोजन एवं तरल पदार्थ कम मात्रा में लेकिन बार-बार देना चाहिए।
3. आराम व नींद (Comfort and sleep) -
• मरीज को आरामदायक एवं सलवट रहित बिस्तर प्रदान करना चाहिए।
मरीज को आरामदायक स्थिति प्रदान करनी चाहिए।
• मरीज को पर्याप्त आराम प्रदान करना चाहिए।
• मरीज को ढीले एवं कॉटन के वस्त्र पहनने के लिए देने चाहिये।
• मरीज के आस-पास शांति बनाए रखनी चाहिये।
• मरीज के कमरे में हल्की रोशनी रखनी चाहिए (आराम के समय)
• मरीज की नियमित रूप से करवट बदलते रहना चाहिए।
4. व्यक्तिगत सफाई (Personal Hygiene ) -
• मरीज की व्यक्तिगत साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
. मरीज की त्वचा की देखभाल रखनी चाहिए।
• मरीज के पुख की स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।
• यदि मरीज के होंठ फट (crack) गए हों तो स्निग्धक (emollient) का प्रयोग करना चाहिए।
• आवश्यकता पड़ने पर मरीज को बैडपेन एवं यूरिनल प्रदान करना चाहिए।
• मरीज के मल-मूत्र त्याग करने के बाद उचित साफ-सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
• रूप से मरीज को स्पंज बाथ (sponge bath) करवाना चाहिए।
5. अन्य (Other) -
तेज बुखार में (high pyrexia) में मरीज को अकेला नहीं छोड़ना चाहिए।
• यदि निर्जलीकरण की स्थिति हो तो I. V. fluid शुरू कर देना चाहिए।
यदि निर्जलीकरण की स्थिति हो और बुखार काफी दिन से हो तो इनटेक-आउटपुट चार्ट (intake-output chart) तैयार करना चाहिए।
डॉक्टर के आदेशानुसार एन्टीपायरेटिक दवा (antipyretic drug) देनी चाहिए।
. नियमित समयान्तराल से तापमान की जाँच करते रहना चाहिए।
Q. बीमारी में पोषण को प्रभावित करने वाले कारक कौन-कौन से हैं?
What are the factors affecting nutrition in sickness?
उत्तर- बीमारी के कारण मरीज का पाचन तंत्र बिगड़ जाता है जिससे उसकी भोजन के प्रति रुचि कम हो जाती है तथा उसकी भूख कम हो जाती है।
भोजन स्वीकार करने में जो कारक बाधा उत्पन्न करते हैं वे निम्न प्रकार हैं-
1. पर्यावरणीय कारक (Environmental Factor ) -
• भोजन स्थल का अस्वच्छ होना या अप्रिय दृश्य होना
• भोजन स्थल पर गन्दगी होना।
• भोजन स्थल पर बदबू आना ।
• भोजन स्थल पर कोई शोर-शराबा होना आदि।
2. सांस्कृतिक कारक (Cultural Factor) -
भोजन शैली में परिवर्तन होना।
शाकाहारी रोगी का मांसाहारी भोजन से परहेज होना ।
• अन्य कोई धार्मिक मान्यता आदि।
3. मनोवैज्ञानिक कारक (Psychological Factor) -
• मरीज की भोजन में रुचि न होना।
• मरीज को नापसंद का भोजन प्रदान करना।
• मरीज का भोजन आकर्षक न होना।
• मरीज का चिंता, क्रोध या अवसाद में होना ।
• मरीज का नींद में रहना।
4. अन्य कारक (Other Factor ) -
• मरीज का शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य ठीक न होना।
• भोजन का समय अनिश्चित होना।
Q. बिस्तर तैयार करना किसे कहते हैं? समझाइए एवं इसके उद्देश्य भी लिखिए।
What is bed making? Explain and write its purpose.
उत्तर- बिस्तर बनाना (bed making)
एक प्रक्रिया है जिसमें मरीज की स्थिति के अनुसार उसे अधिक आराम देने के लिए विशेष प्रकार से बिस्तर तैयार किया जाता है।
अस्तपताल में मरीज को भर्ती करने के बाद उसको एक ऐसा सुरक्षित एवं आरामदायक बिस्तर प्रदान करना होता है जिससे मरीज आराम से सो व बैठ सके।
अस्पताल में होने वाले पलंग घरों के पलंग से बिल्कुल भिन्न होते है। पलंग मरीज की स्थिति या अस्पताल की व्यवस्था के अनुसार भिन्न प्रकार के हो सकते हैं।
पलंग पर बिस्तर बनाने (bed making) के लिये जो सामान उपयोग में आते हैं, वो निम्न हैं-
• गद्दा (Mattress)
मैकिनटोश (Mackintosh)
• चादर (Bed Sheet)
• तकिया (Pillow)
• ड्रा-शीट (Draw sheet)
तकिए का कवर (Pillow cover )
• कंबल (Blanket)
बिस्तर तैयार करने के उद्देश्य (Purpose of Bed Making) -
बिस्तर बनाने के प्रमुख उद्देश्य निम्न प्रकार हैं-
1. मरीज को सुरक्षित व आरामदायक बिस्तर प्रदान करना।
2. मरीज़ को साफ सुथरा, झुर्रियों से मुक्त बिस्तर प्रदान करना।
3. साफ बिस्तर वार्ड व यूनिट को भी साफ रखता है।
4. आरामदायक बिस्तर दाबव्रण (bed sore) होने से बचाता है।
5. मरीज और नर्स के बीच पास्परिक संबंध (NPR) स्थापित करता है।
6. मरीज को सक्रिय व निष्क्रिय व्यायाम करवाने हेतु।
7. मरीज को बीमारी विशेष में आराम दिलाने हेतु ।
8. मरीज का विश्वास प्राप्त करने हेतु।
9. मरीज को उसकी स्थिति के अनुसार विशेष सुविधाजनक बिस्तर देने हेतु।
10. मरीज को स्वच्छ वातावरण प्रदान करने हेतु ।
तो मैं ये उम्मीद करता हूं की आप लोग ऊपर दिए गए सभी प्रश्ननों को अच्छे से पढ़े होंगे। तो पढ़ चुके हैं तो चलिए अब इसका PDF भी Download करते हैं।
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