GNM 1st Year & 2nd Year के लिए महत्त्वपूर्ण - MSN -II & Community Health Nursing -I, Dengue And Malaria

 हेल्लो साथियों,

 आज आप सभी के लिए जो नीचे दो प्रश्नों के ऊपर चर्चा किया गया हैं ओ GNM 1st और 2nd Year दोनों के लिए काफी महत्त्वपूर्ण है, जो आपसभी GNM First Year Students के लिए Community Health Nursing -I और वही पे GNM 2nd Year Students के लिए ये प्रशन Medical Surgical Nursing-II में आ सकता हैं जो आपके syllabus में पढ़ना है तो चलिए देखते  हैं। 


GNM First Year Notes In Hindi, Community Health Nursing -I Notes In Hindi, GNM 1st year Community Health Nursing Notes In Hindi. 

GNM 2nd Year Notes In Hindi Nursing Medical Surgical Nursing-II Important Questions Dengue And Malaria Discuss In Details Below.


Q. डेंगू क्या है? इसके कारक, प्रसार व उद्भवन अवधि लिखिए।

इसके चिकित्सीय लक्षण, निदान, रोकथाम, उपचार व नर्सिंग प्रबंधन लिखिए।

What is dengue? Write its pathogen, transmission and incubation period.

Write the clinical features, diagnosis, treatment, prevention and nursing care of dengue.


उत्तर- डेंगू (Dengue) - डेंगू एडीस एजेप्टाई (aedes aegupti) मच्छर वाहित संक्रामक रोग है जो डेंगू वाइरस द्वारा उत्पन्न होता है। इसे हड्डी तोड़ बुखार (break bone fever) भी कहते हैं।


रोगकारक (Pathogen) - डेंगू ज्वर का रोग कारक डेंगू वाइरस होता है जो RNA प्रकार का वाइरस होता है।

 डेंगू का वाहक मादा एडीस मच्छर होती है इसकी प्रमुख प्रजातियाँ एडीस एजेप्टाई (aedes aegupti) एवं एडीस एल्बोपिक्टस (aedes albopictus) होती है। यह मच्छर प्रायः दिन के समय ही काटता है।

चिकित्सीय लक्षण (Clinical Features ) डेंगू में तीन स्थितियाँ उत्पन्न हो सकती हैं- -


1. डेंगू बुखार (Dengue fever)


2. डेंगू रक्तस्रावी बुखार (Dengue haemorrhagic fever)


3. डेंगू आघात सिंड्रोम (Dengue shock syndrome)


1. डेंगू बुखार (Dengue Fever) -इसमें निम्न लक्षण प्रकट होते हैं-


• तेज बुखार (High fever)

सिरदर्द (Headache)

• अस्थियों एवं संधियों में दर्द

कमजोरी (Weakness)

• जी घबराना एवं उल्टी होना (Nausea and vomiting)


2. डेंगू रक्तस्त्रावी बुखार (Dengue Haemorrhagic Fever)


• बुखार (Fever)

• शरीर पर लाल चकते बनना (Purpura)

. नकसीर आना (Epistaxis)

• उल्टी में खून आना (Hematemesis)

• मल के साथ रक्त आना (Melena)


3. डेंगू शॉक सिंड्रोम (Dengue Shock Syndrome)


डेंगू बुखार एवं रक्तस्त्राव की गंभीर स्थिति के कारण आघात

• रक्तचाप कम हो जाना

• हाथ-पैर ठंडे पड़ जाना

• रोगी की मानसिक स्थिति कमजोर हो जाना

बेहोशी छाना


निदान (Diagnosis) -

• इतिवृत संग्रहण

• शारीरिक परीक्षण

• लक्षणों की उपस्थिति की जाँच

• रक्त जांच- प्लेटलेट संख्या व WBC

एलिसा ( ELISA) परीक्षण

• मूत्र परीक्षण (Urine examination)


उपचार (Treatment) -


1. रोगी को आवश्यकतानुसार antipyretics दी जाती हैं जैसे- Paracetamol


2. रोगी को आवश्यकतानुसार analgesics दी जाती हैं परंतु रोगी को एस्प्रिन नहीं दी जानी चाहिए।


 3. रोगी को आवश्यकतानुसार I. V. fluids एवं electrolytes दिए जाते हैं।


4. रोगी को गंभीर स्थिति में ब्लड व प्लेटलेट transfusion भी किया जाता है।


5. रोगी को Antihaemorrhagic drugs दी जानी चाहिए।


नर्सिंग प्रबंधन (Nursing Management) -


1. रोगी को पूर्ण आराम प्रदान करना चाहिए।


2. रोगी को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए।


3. रोगी के जैविक चिन्ह निरंतर रूप से चैक करने व रिकॉर्ड करना चाहिए।


4. डॉक्टर के निर्देशानुसार सभी दवाईयां समय पर देनी चाहिए।


 5. रोगी की तीव्र बुखार में कोल्ड स्पॉजिन्ग करनी चाहिए।


6. रोगी का intake-output chart maintain करना चाहिए।


 7. रोगी से दर्द की तीव्रता व स्थान पूछकर नोट करना चाहिए।


8. किसी भी जटिलता की स्थिति में डॉक्टर को तुरंत सूचित करना चाहिए।


प्रश्न . मलेरिया क्या है? इसके कारक, प्रसार व उद्भवन अवधि लिखिए। 

इसके चिकित्सीय लक्षण, निदान, रोकथाम, उपचार व नर्सिंग प्रबंधन लिखिए।

What is malaria? Write its pathogen, transmission and incubation period. 

Write the clinical features, diagnosis, treatment, prevention and nursing care of malaria.


उत्तर- मलेरिया (Malaria) • मलेरिया मादा एनाफिलीज मच्छर वाहित संक्रामक रोग है 


जिसका रोगकारक - प्लाजामोडियम परजीवी (plasmodium parasite) होता है।


रोगकारक (Pathogen) - मलेरिया रोग प्लाजमोडियम परजीवी की निम्न चार प्रजातियों द्वारा होता है-


• प्लाज्मोडियम मलेरियाई (Plasmodium malariae)


प्लाज्मोडियम वाइवेक्स (Plasmodium vivax)


प्लाज्मोडियम आवेल (Plasmodium ovale)


प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम (Plasmodium palciparum)


उद्भवन काल (Incubation Period).


प्लाज्मोडियम वाइवेक्स.                12-18 दिन


प्लाज्मोडियम ऑवेल                    12-18 दिन


प्लाज्मोडियम मलेरियाई                 18-40 दिन


प्लाज्मोडियम फैल्सीपेरम              7-14 दिन


चिकित्सीय लक्षण (Clinical Features) - मलेरिया में मुख्य लक्षण बार-बार बुखार आना है यह निम्न चरणों में संपन्न होता है-


1. ठंडी अवस्था (Cold stage)


2. गर्म अवस्था (Hot stage)


3. पसीना अवस्था (Sweating)


1. ठंडी अवस्था (Cold Stage) - इस अवस्था का समय आधे घंटे से घंटे तक होता है। इसमें कंपकंपी के साथ तीव्र ठंड लगती है। ज्वर चढ़ने के साथ यह अवस्था खत्म हो जाती है।


2. गर्म अवस्था (Hot Stage) - इसकी अवधि लगभग 1 से 4 घंटे होती है इसमें ठंड लगना बंद हो जाती है एवं रोगी का तापमान तेजी से बढ़ता है एवं साँस तेज चलने लगती है इसमें शरीर का तापमान 105°F तक बढ़ जाता है। इस अवस्था के अंत में बुखार कम होने लगता है।


3. पसीना अवस्था (Sweating Stage) - यह अवस्था लगभग 3 घंटे तक हो सकती है इसमें रोगी को बहुत अधिक पसीना आता है साथ ही बुखार समाप्त हो जाता है एवं रोगी स्वयं को स्वस्थ अनुभव करता है।


अन्य लक्षण (Other Symptoms). -

• रक्त की कमी (Anemia)

• पीलिया (Jaundice)

• जी घबराना एवं उल्टी होना (Nausea and vomiting)

• यकृत में दर्द होना (Liver Pain)

• अत्यधिक कमजोरी (Weakness)

• भूख न लगना (Anorexia)

निदान (Diagnosis) -


• शारीरिक परीक्षण (Physical examination)

• लक्षणों की उपस्थिति की जाँच

• Blood smear test

• Liver function test (LFT)

• Ultrasonography

• मलेरिया किट द्वारा जाँच


उपचार (Treatment).

1. मलेरिया के उपचार के लिए कुनैन सल्फेट एवं chloroquine का उपयोग किया जाता है।

2. मलेरिया के उपचार के लिए अन्य दवाईयों का भी उपयोग किया जाता है जैसे- Artimisin, amodiaquine, sulfadoxine


3. वर्तमान में Dihydroartimisin एवं Piperaquine का एक साथ भी उपयोग किया जाता है।

रोकथाम (Prevention)


1. मलेरिया की रोकथाम के लिए आस-पास गंदा पानी एकत्रित नहीं होने देना चाहिए।

2. घर में कूलर, स्नान घर की टंकी, पुराने टायर इत्यादि में एकत्रित पानी हटाकर आवश्यक हो तो साफ पानी डालना चाहिए।

3. मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए।


नर्सिंग प्रबंधन (Nursing Management) -


1. रोगी को आवश्यकतानुसार Antipyretics भी प्रदान की जाती हैं।

 2. रोगी को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ सेवन करने के लिए प्रेरित करना चाहिए।

3. रोगी का शरीर तापमान निरंतर मापना चाहिए।

All Important Questions Answer GNM First, Second And Third Year Notes Available Here In Both Langauge Hindi And English. Daily YouTube Videos Lectures PDF Available Here.


PDF Download:-  Click Here