GNM 2nd Year - Ulcerative Colitis , Neonatal Jaundice - Child Health Nursing

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 Q. नवजात शिशु कामला या पीलिया क्या है? इसके कारण, चिन्ह व लक्षण, जांच एवं प्रबंधन के बारे में लिखिए।

What is neonatal jaundice? Write about its causes, sign and symptoms, diagnosis and management.

अथवा

अतिबिलिरुबिन रक्तता से आप क्या समझते हैं? इसका प्रबंधन समझाइए ।

What do you understand with hyperbilirubinemia? Describe its management.


उत्तर- नवजात शिशु कामला या पीलिया (Neonatal Jaundice) - नवजात शिशु के शरीर में रक्त में बिलिरुबिन की अत्यधिक मात्रा इकट्ठा होने को अतिबिलिरुबिल रक्तता कहते हैं जिससे शिशु की त्वचा पीली पड़ जाती है जो नवजात शिशु कामला या पीलिया कहलाती है। 


कारण (Causes).


• लाल रक्त कोशिकाओं का जल्दी-जल्दी व अधिक नष्ट होना

• यकृतीय कार्यों की अपरिपक्वता जिससे बिलिरुबिन पर्याप्त मात्रा में रक्त से बाहर नहीं निकल पाता

• रक्त समूहों की असंगतता से इरिथ्रोसाइट्स का क्षय बढ़ना

• Polycythemia


लक्षण (Sign and Symptoms) - -

• थकावट (Fatigue)

• वमन (Vomiting)

• मूत्र का गहरा रंग (Dark urine)

• मल काला होना (Dark stool)



निदान (Diagnosis) - 


रक्त परीक्षण जैसे-

• सीरम बिलिरुबिन

• ब्लड ग्रुप एवं RH फैक्टर (मा एवं शिशु दोनों का)

.HB%

. Blood culture

• Liver Function Test (LFT) 

• Coomb's test


प्रबंधन (Management) -

1. प्रकाश चिकित्सा (Phototherapy)- इसमें शिशु को नीले प्रकाश में खुला छोड़ा जाता है जिससे बिलिरुबिन का प्रकाशभंगुरण हो जाए व त्वचा में जमे अप्रत्यक्ष विलिरुबिन घुलनशील अहानिकारक पदार्थ में बदल जाए जोकि गुदाँ द्वारा मूत्र के रास्ते शरीर से उत्सर्जित कर दिया जाता है। प्रकाश चिकित्सा की समय-सीमा शिशु की अवस्था व रक्त में सौरम बिलिरुबिन के स्तर पर आधारित होती है।


2. औषधि (Drugs) शिशु को कुछ निश्चित औषधि दी जाती हैं जो यकृत कोशिकाओं पर अपने प्रभाव द्वारा glucuronyl transferase एन्जाइम के निर्माण को बढ़ा देती है जो बिलिरुबिन के उत्सर्जन में सहायता करता है।


3. प्रतिस्थापन रक्ताधान (Exchange Transfusion) - इससे शिशु में रक्त से बिलिरुबिन को शीघ्रता से बाहर किया। जाता है। यह पूर्णकालिक शिशुओं में जब अति बिलिरुविनता 20 mg/dl तथा अपरिपक्व शिशुओं में बिलिरुबिन स्तर 10-15 mg/dl हो तब प्रयोग किया जाता है।


नर्सिंग प्रबंधन (Nursing Management) - -


1. पीलिया की जांच के लिए शिशु के त्वचा के रंग का निरंतर अवलोकन करें कि पीला रंग घट रहा है या बढ़ रहा है। करें।


2. शिशु के मूत्र व मल के रंग, मात्रा और प्रकृति को जांचे व नोट 3. शिशु के जैविक चिन्हों की निरंतर जांच करते रहें।


4. शिशु की संपूर्ण शारीरिक व मानसिक अवस्था का आकलन करें जैसे ऑक्सजीन न्यूनता, अतितापता, न्यूनतापता, हाइपोग्लाइसीमिया तथा संक्रमण आदि।


5. प्रकाश चिकित्सा हेतु शिशु को नग्न अवस्था में नीले प्रकाश के नीचे रखें व उसकी अवस्था बार-बार बदलते रहें ताकि पूरे शरीर पर प्रकाश का प्रभाव पड़े।


6. प्रकाश चिकित्सा के दौरान शिशु की आंखों की रक्षा करें व उन्हें आई-पैड से ढँक दें ताकि रेटिना की क्षति की रोकथाम की जा सके।


7. मल में बिलिरुबिन के निष्कासन हेतु आरंभिक पोषण दें।


8. प्रकाश चिकित्सा की अवधि का चार्ट तैयार करें।


9. रक्ताधान प्रतिक्रिया के दौरान संक्रमण की रोकथाम हेतु सख्त एसेप्टिक तकनीक को बनाए रखें।


10. रक्ताधान से पूर्व एवं पश्चात् जैविक चिन्हों को जांचें।


11. शिशु का तापमान निरंतर बगल से जांचें।


12. शिशु को पोषण देने के लिए नीले प्रकाश से निकालें।


13. शिशु के परिजनों को शिशु से मिलाते समय प्रकाश चिकित्सा से निकालकर आंखों से कवच हटा लें।


14. परिवारजनों को पीलिया की रोकथाम के लिए स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए शिक्षित करें।


Q. व्रणीय वृहदांत्रशोथ अथवा अल्सरेटिव कोलाइटिस क्या है?

इसके लक्षण, प्रबंधन एवं नर्सिंग हस्तक्षेप लिखिए। 

What is ulcerative colitis?

Write its features, management and nursing interventions.


उत्तर- अल्सरेटिव कोलाइटिस (Ulcerative Colitis) – यह आंत्र की शोथ युक्त व्याधि है जो कोलोन तथा रेक्टम तक सीमित रहती है। शोध श्लेष्मा तथा अधोश्लेष्मा को प्रभावित करता है जिससे व्रण, रक्तस्त्राव तथा कोलोन का ईडीमा हो जाता है।


चिकित्सीय लक्षण (Clinical Manifestations) -


• मलाशय से रक्तस्त्राव

• उदर में दर्द

. जोड़ों में दर्द

भूख एवं वजन में कमी

• मलत्याग के बाद अपूर्ण मलत्याग का अहसास

• रक्तयुक्त दस्त


प्रबंधन (Management) -


1. औषधियाँ जैसे- एजाथायोप्रिन कॉर्टिकोस्टीरॉइड, मेट्रानिडेजॉल आदि एन्टीबायोटिक्स प्रयोग की जाती हैं।

 2. बच्चे को पूरक फॉलिक एसिड (supplement folic acid) दिया जाता है।

3. Steroid therapy का इस्तेमाल किया जाता है जैसे- budesonide, prednisone आदि।


4. संतुलित आहार, उच्च प्रोटीन व उच्च कैलोरी युक्त आहार बच्चे को देकर पोषण न्यूनता को ठीक किया जाता है। 


5. औषधि चिकित्सा के प्रभावी न होने पर व कोलोन कैंसर के खतरे को कम करने हेतु सर्जरी द्वारा कोलोन को निकाल दिया जाता है। इस सर्जरी को कोलेक्टोमी (colectomy) कहते हैं।


नर्सिंग हस्तक्षेप (Nursing Interventions) -


1. आहार प्रबंधन के विषय में परिवार का निरंतर मार्गदर्शन करना।


2. ऐसे कारणों से निपटना जो तनाव तथा भावनात्मक दायित्व को बढ़ाते हैं।

3. मुक्ति तथा पुनः रोग वर्धन (exacerbations) वाले इस रोग से सामंजस्य स्थापित करने में बच्चे की सहायता करें। 


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