GNM 1st Year - Child Health Nursing - Poliomyelitis - Congenital Heart Disease

 आज आप सभी के बीच में GNM 2nd Year के महत्तवपूर्ण दो प्रश्नों के ऊपर नीचे चर्चा किया गया हैं।  जो Child Health Nursing से लिया गया हैं। 

Q. What is poliomyelitis? Write its pathogen, transmission and incubation period. Write the symptoms, diagnosis, prevention, treatment and nursing care of poliomyelitis.


पोलियोमायेलाइटिस (Poliomyelitis) – पोलियो वाइरस जनित संक्रामक रोग है, यह रोगी के पाचन तंत्र एवं तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है।


रोगकारक एवं प्रसार (Pathogen and Transmission ) - 

पोलियो का रोगकारक पोलियो वाइरस होता है। 

पोलियो वायरस R.N.A. प्रकार का वायरस होता है।

 यह मस्तिक के धूसर (grey matter) पदार्थ को प्रभावित करता है पोलियो का प्रसार मुख-मल मार्ग (Oral-fecal route) द्वारा होता है।

 अतः पोलियो का प्रसार संक्रमित भोजन, हाथ, पानी इत्यादि से होता है। इसके साथ ही ड्रॉपलेट संक्रमण द्वारा भी पोलियो होता है।


उद्भवन काल (Incubation Period)

 • इसका उद्भवन काल 7-14 दिन माना गया है परंतु यह सदैव निश्चित नहीं - होता है। यह मुख्यत: बाल्यावस्था में 6 माह से 3 वर्ष की आयु में होता है।


लक्षण (Clinical Features) पोलियो में लक्षणों को दो प्रावस्थाओं में रखा जा सकता है-


1. लकवा पूर्व की अवस्था (Pre-paralytic Stage) -


• गले में खराश (Sore throat)


• जी मिचलाना एवं उल्टी होना (Nausea and vomiting)


• दस्त लगना (Diarrhea)


• बुखार (Fever)


• अत्यधिक पसीना आना (Diaphoresis)


• चिड्चिडापन (Irritability)


• गर्दन में कड़ापन (Neck rigidity)


• अतिसंवेदनशीलता (Hyperesthesia)


• CSF pressure बढ़ जाता है (Increased CSF pressure)


• तेज धड़कन (Tachycardia)


2. लकवा अवस्था (Paralysis Stage) -


• चलने में कठिनाई (Disability in walking)


• निगलने में कठिनाई (Dysphagia)


 • हाथ-पैरों में गति कम होना (Paralysis)


निदान (Diagnosis) -


• शारीरिक परीक्षण


लक्षणों की उपस्थिति की जांच


• रक्त जांच


• मल जांच


• CSF जांच


जटिलताएँ (Complications) -


• लकवा (Paralysis) 

निमोनिया (Pneumonia)


. विकलांगता (Disability)


• श्वसन असफल होना (Respiratory failure)


• मृत्यु (Death)


रोकथाम (Prevention) -


1. प्रत्येक शिशु को टीकाकरण के दौरान निर्धारित समय पर oral polio vaccine (OPV) की दो बूंद अवश्य पिलाई जानी चाहिए।


2. पोलियो के टीके की प्रभावशाली को बनाए रखने के लिए cold chain maintain रखनी चाहिए।


उपचार (Treatment) -


1. रोगी में Urinary tract infection (UTI) के उपचार के लिए एन्टिबायोटिक दी जाती हैं जैसे- Norfloxacin cefexime आदि।


2. रोगी में अन्य संक्रमण होने पर एन्टिबायोटिक्स दी जाती हैं।


3. रोगी का लाक्षणिक प्रबंधन किया जाता है जैसे- Analgesics, antipyretics, sedatives


4. यदि extremities में लकवा हो तो कृत्रिम उपकरणों की सहायता से जीवन व्यतीत करने के लिए रोगी को प्रशिक्षित किया जाता है।


नर्सिंग प्रबंधन (Nursing Management) -


1. बालक को सहयोग के लिए बैसाखी (crutches), वॉकर आदि उपकरण उपलब्ध कराने चाहिए।


2. बालक को संतुलित आहार प्रदान करना चाहिए।


3. बालक व उसके परिवारजनों को मनोवैज्ञानिक सहारा प्रदान करना चाहिए।


4. मांसपेशियों में होने वाले दर्द को कम करने के लिए NSAID व topical औषधि देनी चाहिए।



Q.जन्मजात हृदय संबंधी बीमारी को परिभाषित कीजिये।

Define congenital heart disease.


जन्मजात हृदय रोग :- जन्मजात हृदय रोग से तात्पर्य, हृदय अथवा महाधमनी, महाशिरा अथवा बड़ी - रक्तवाहिकाओं में जन्मजात किसी रचनात्मक त्रुटि की उपस्थिति से होता है जो भले ही जन्म के समय ज्ञात न हो पाए परन्तु उपस्थित जन्म के समय से ही हो।


Q. जन्मजात हृदय रोग से ग्रसित बच्चे का नर्सिंग केयर प्लान तैयार कीजिये। 

Write the nursing care plan of a child who is suffering from congenital heart disease. 


उद्देश्य (Objectives) - -


1. रोग के ऑकलन के पश्चात् चिकित्सकीय उपचार की योजना तैयार करना ।

2. पर्याप्त पोषण का प्रावधान।


3. संक्रमण से बचाव ।


4. नैदानिक एवं उपचारात्मक प्रक्रियाओं में सहायता करना ।


5. बच्चे एवं उसके माता-पिता को मार्गदर्शन एवं परामर्श देना। 


6. श्वास कष्ट में आराम पहुँचाना।


7. ऑक्सीजनीकरण को सुधारना ।


8. जटिलताओं हेतु निरीक्षण एवं उनका नियन्त्रण |


नर्सिंग देखभाल (Nursing Care) –


1. बच्चे को अधिकतम आरामदेह एवं सुविधापूर्ण स्थिति में रखें।

2. चिकित्सकीय लक्षणों का निरीक्षण करें, नर्सिंग निदान सुनिश्चित करें एवं नर्सिंग योजना तैयार करें।


 3. असामान्य लक्षण जैसे हृदीय असफलता के चिन्ह आदि दिखने पर तत्काल चिकित्सक को सूचित करें।


4. श्वास कष्ट होने पर बच्चे को अनुकूल उपयुक्त स्थिति में लिटाएँ ।


5. देहनीलता की स्थिति में ऑक्सीजन दें।


6. अतिजलीकरण होने पर मूत्रवर्धक औषधियां दें।


7. हृदीय असफलता की स्थिति में चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार डिजिटलीकरण करें।


8. जल एवं विद्युत विश्लेषणों का संतुलन कायम रखें।


9. पोषण के निर्वाह हेतु बार-बार कम मात्रा में आहार दें।


10. माता-पिता को मानसिक सम्बल एवं विश्वास प्रदान करें एवं उन्हें बच्चे की स्थिति एवं समस्या के बारे में समझायें।


11. बच्चे को प्रेम व स्नेह प्रदान करें।


12. माता की सहायता से बच्चे की सभी आरोग्यकारी जरूरतों को पूरा करें।


13. यदि संक्रमण हो तो उपयुक्त प्रतिजैविक औषधियां दें।


14. संभावित जटिलताओं पर निगरानी रखें।


15. परमार्थिक संस्थाओं की सहायता प्राप्त कर, गरीब बच्चों के ऑपरेशन करवाने में मदद करें।


GNM Second Year Important Questions Answer. GNM Second Year Important Questions Answer Pdf Hindi me, Notes Hindi GNM, Poliomyelitis. GNM 2nd Year Congenital Heart Disease PDF Hindi GNM.  


PDF Download :- Click Here